New Expressway: भारत की सड़क नेटवर्क को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) अब अपने अंतिम चरण में पहुंच रहा है। यह हाईवे न केवल देश के दो बड़े महानगरों को जोड़ेगा, बल्कि यात्रा के समय और लागत दोनों में भारी कमी लाएगा। खासतौर पर अब गुरुग्राम (हरियाणा) से वडोदरा (गुजरात) तक का 950 किलोमीटर का सफर केवल 10 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जो पहले 20 से 22 घंटे लेता था।
भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है जिसकी कुल लंबाई 1,380 किलोमीटर है। यह छह राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे की वजह से राष्ट्रीय राजधानी और वित्तीय राजधानी के बीच की दूरी न केवल कम होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार मिलेगी।
गुरुग्राम से वडोदरा का सफर अब केवल 10 घंटे में
गुरुग्राम से वडोदरा तक की दूरी लगभग 950 किलोमीटर है। अभी तक यह यात्रा सड़कों की स्थिति और ट्रैफिक के कारण लगभग 20 से 22 घंटे में पूरी होती थी। लेकिन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के तैयार हो रहे प्रमुख हिस्से, खासतौर पर राजस्थान के कोटा क्षेत्र में बनकर तैयार हुए सेक्शन की वजह से यह सफर अब महज 10 घंटे में तय हो सकेगा।
120 किमी/घंटा की रफ्तार से यात्रा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर वाहनों को अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलने की अनुमति होगी। इससे यह देश का सबसे तेज़ ट्रैफिक मूवमेंट कॉरिडोर बन जाएगा। इस हाईवे पर अधिक स्पीड के साथ भी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है – जिसमें हाईटेक निगरानी सिस्टम, रडार और CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।
95,000 करोड़ रुपये की लागत से बना मेगा प्रोजेक्ट
इस मेगाप्रोजेक्ट की कुल लागत 95,000 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे केवल यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक ढांचे को भी मजबूती देगा। इसके बनने से वाणिज्यिक ट्रांसपोर्ट में तेजी, ईंधन की बचत और माल ढुलाई की लागत में भारी कमी आएगी।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील डिजाइन
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को इको-फ्रेंडली और पर्यावरण-संवेदनशील बनाया गया है। निर्माण कार्य में ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही यह पहली बार है कि इतने बड़े स्तर पर वाइल्डलाइफ की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है।
- मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के पास के हिस्सों में विशेष रूप से वन्यजीव गलियारे (Wildlife Corridors) बनाए जा रहे हैं।
- जानवरों के रास्तों को सुरक्षित रखने के लिए सुरंगें और शोर अवरोधक (Noise Barriers) बनाए गए हैं।
- सौर ऊर्जा, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और इको-ग्रीन प्लांटेशन जैसे उपायों को शामिल किया गया है।
अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का अंतिम कार्य तेज़ी से चल रहा है और इसे अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। कई सेक्शन जैसे दिल्ली-गुरुग्राम, जयपुर के पास के हिस्से, कोटा-रतलाम सेक्शन पहले ही यातायात के लिए खोल दिए गए हैं।
छोटे शहरों को मिलेगा बड़ा फायदा
इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि यह दिल्ली और मुंबई के बीच मध्य भारत के छोटे शहरों और कस्बों को जोड़ेगा, जिससे वहां नई औद्योगिक गतिविधियों और निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी। छोटे उद्यमों, कृषि उत्पादों और टूरिज्म को भी इससे फायदा मिलेगा।
रोजगार और विकास के नए रास्ते
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। इसके बनने के बाद इसके आसपास लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउस, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनने की संभावना भी है। इससे देश के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में संतुलित विकास को बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के भविष्य की सड़क
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि यह भारत की आर्थिक रफ्तार और आधुनिकता का प्रतीक है। यह परियोजना देश को स्मार्ट और कनेक्टेड भारत की दिशा में आगे ले जा रही है। गुरुग्राम से वडोदरा जैसे लंबी दूरी के सफर को सिर्फ 10 घंटे में पूरा कर पाना अब कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बनती जा रही है।