UP NEW ROADS: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दो प्रमुख शहरों – राजधानी लखनऊ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कुल 102 नई सड़कों के निर्माण की योजना तैयार कर ली है। यह परियोजना वित्तीय वर्ष 2025-26 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत लागू की जाएगी।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को सौंपी गई जिम्मेदारी
इन सड़कों के निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को दी गई है। शासन ने इस संबंध में लखनऊ और वाराणसी के जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं कि वे योजना को जल्द प्रारम्भ करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
सड़क निर्माण के साथ होगा जल-निकासी का भी इंतजाम
सड़क निर्माण के दौरान केवल सड़कें ही नहीं बनाई जाएंगी, बल्कि जलनिकासी की मजबूत व्यवस्था भी की जाएगी। अक्सर देखा गया है कि बारिश के दौरान जलभराव के कारण नई बनी सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इस बार इस समस्या से निपटने के लिए निर्माण के साथ-साथ ड्रेनेज सिस्टम को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
किन क्षेत्रों में बनेगी सड़कें जानें लखनऊ और वाराणसी के क्षेत्रवार विवरण
इस योजना के तहत जिन क्षेत्रों को चुना गया है, वे विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
लखनऊ में:
- बक्शी का तालाब
- मलिहाबाद
- सरोजनी नगर
वाराणसी में:
- पिंडरा
- नारायणपुर
- सारनाथ
- सरसौली
इन क्षेत्रों में सड़कें बन जाने से न केवल यातायात सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों को भी शहरी विकास से जोड़ने में मदद मिलेगी।
स्कूलों का दो दिवसीय निरीक्षण शिक्षा व्यवस्था में भी तेजी से बदलाव
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए 36 वरिष्ठ शिक्षाधिकारियों की टीम को स्कूलों के निरीक्षण पर भेजने का फैसला लिया है। यह निरीक्षण मंगलवार और बुधवार को पूरे प्रदेश में किया जाएगा।
निरीक्षण के दायरे में आएंगे:
- परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय
- प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM Shri)
किन बिंदुओं पर होगा स्कूलों का मूल्यांकन ?
अधिकारियों को जिन मुख्य पहलुओं का निरीक्षण करना है, उनमें शामिल हैं:
- स्कूल चलो अभियान के तहत बच्चों का प्रवेश
- मिड डे मील की स्थिति
- विद्यालयों में निर्माण कार्य की प्रगति
- DBT के माध्यम से यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, बैग की धनराशि का भुगतान
- पंजीकृत छात्रों की उपस्थिति और वास्तविक उपस्थिति में अंतर
यह निरीक्षण सुनिश्चित करेगा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू हो रही हैं या नहीं।
36 वरिष्ठ अधिकारी करेंगे मंडलीय स्तर पर निगरानी
राज्य सरकार ने हर मंडल में दो-दो अधिकारियों को तैनात किया है, जिनमें शामिल हैं:
- अपर परियोजना निदेशक
- संयुक्त शिक्षा निदेशक
- उप निदेशक
- सहायक शिक्षा निदेशक
- उप पाठ्य पुस्तक अधिकारी
- डायट के प्रवक्ता
ये अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के दो जिलों का अनिवार्य निरीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट महानिदेशक, स्कूल शिक्षा को सौंपेंगे।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
निरीक्षण के बाद अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर यदि किसी विद्यालय में गंभीर लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित शिक्षक, प्रधानाचार्य या विभागीय कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम शिक्षा व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
विकास और शिक्षा दोनों मोर्चों पर उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा कदम
एक ओर लखनऊ और वाराणसी जैसे बड़े शहरों में सड़कों के नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है, जिससे परिवहन व्यवस्था सुगम होगी और विकास को रफ्तार मिलेगी। वहीं दूसरी ओर, शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए स्कूल निरीक्षण जैसे ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।