Gambling Prevention Bill: हरियाणा सरकार ने 158 साल पुराने ब्रिटिश-कालीन सट्टेबाजी कानून को समाप्त कर दिया है और नया “हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम विधेयक 2025” पेश किया है. इस विधेयक के तहत, मैच फिक्सिंग और खेलों में सट्टेबाजी करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है जिससे कानूनी ढांचे को मजबूती दी मिली है.
पुराने कानून का उन्मूलन और नए विधेयक की विशेषताएं
विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पेश किए गए इस विधेयक में सट्टेबाजी की विभिन्न श्रेणियों को परिभाषित किया गया है. इसमें पुलिस को अधिकार दिए गए हैं (extensive police powers) ताकि सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के खिलाफ और अधिक कारगर ढंग से कार्यवाही की जा सके. विधेयक में उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने और जेल की सजा का प्रावधान है.
सजा और जुर्माने की व्यवस्था
यह विधेयक पहली बार और बार-बार अपराध करने वालों के लिए भिन्न प्रकार की सजाओं का प्रावधान करता है. पहली बार अपराध करने पर न्यूनतम दंड और बार-बार उल्लंघन करने पर अधिकतम सात वर्ष तक की सजा (maximum sentence of seven years) और पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. इससे सट्टेबाजी के खिलाफ सख्त संदेश जाता है.
पुलिस अधिकारियों को मिले विशेष अधिकार
इस विधेयक के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने और संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी करने की अनुमति है. यह सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करता है (ensures swift action in betting and match-fixing cases). ये अधिकार केवल सब-इंस्पेक्टर या उससे ऊपर रैंक के अधिकारियों को दिए गए हैं.