Electricity Rates Hike: उत्तराखंड विधुत नियामक आयोग (UERC) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई बिजली दरें जारी कर दी हैं. इस बार औसतन 5.62 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिससे प्रदेश के लगभग 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का सीधा असर झेलना पड़ेगा. नई दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गई हैं और इसका भार सबसे ज्यादा घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा.
घरेलू उपभोक्ताओं को 33 पैसे प्रति यूनिट अधिक चुकाने होंगे
नई दरों के मुताबिक, अब घरेलू उपभोक्ताओं को हर यूनिट बिजली के लिए औसतन 33 पैसे ज्यादा चुकाने होंगे. यानी यदि कोई उपभोक्ता महीने में 100 यूनिट खपत करता है, तो उसे अब 33 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. हालांकि बीपीएल और हिमाच्छादित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी गई है, लेकिन उनके लिए भी 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है.
वार्षिक टैरिफ निर्धारण प्रक्रिया
UERC के चेयरमैन एम.एल. प्रसाद ने बताया कि आयोग ने सभी हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां लेने के बाद इस टैरिफ को अंतिम रूप दिया है. ऊर्जा निगम ने प्रस्तावित किया था कि उन्हें 12.01% वृद्धि की जरूरत है, जबकि पिटकुल और यूजेवीएनएल की तरफ से कुल 29.23% टैरिफ वृद्धि का अनुरोध था. लेकिन आयोग ने इसमें कटौती करते हुए औसतन 5.62% वृद्धि को ही मंजूरी दी.
श्रेणीवार टैरिफ में कितनी वृद्धि हुई ?
| श्रेणी पुराना टैरिफ |(₹/यूनिट) | नया टैरिफ (₹/यूनिट) | वृद्धि (₹) | प्रतिशत वृद्धि |
| घरेलू उपभोक्ता | 5.83 | 6.16 | 0.33 | 5.66%
| अघरेलू (कमर्शियल) | 8.45 | 8.87 | 0.42 | 4.97%
| सरकारी सेवाएं | 8.38 | 8.81 | 0.42 | 5.02%
| निजी नलकूप | 2.66 | 2.86 | 0.21 | 7.82%
| एलटी इंडस्ट्री | 7.87 | 8.23 | 0.36 | 4.61%
| एचटी इंडस्ट्री | 7.78 | 8.24 | 0.46 | 5.91%
| मिश्रित भार | 7.46 | 7.86 | 0.40 | 5.37%
| रेलवे | 7.33 | 7.79 | 0.46 | 6.26%
| ईवी चार्जिंग स्टेशन | 7.00 | 7.65 | 0.65 | 9.29%
हर श्रेणी पर अलग-अलग असर
100 यूनिट तक उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी झेलनी होगी.
101-200 यूनिट तक वालों को 35 पैसे और 201 यूनिट से ऊपर खपत करने वालों को 45 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी होगी.
ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर सबसे ज्यादा 9.29% की बढ़ोतरी की गई है.
तीन वर्षों में बिजली 22% महंगी
उत्तराखंड में बिजली दरों में हर साल वृद्धि देखी जा रही है. वर्ष 2022-23 में 9.64%, 2023-24 में लगभग 6% और अब 2025-26 में 5.62% की वृद्धि के साथ तीन वर्षों में बिजली दरों में कुल 22% से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. यह उपभोक्ताओं के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है.
क्यों बढ़ा टैरिफ ?
ऊर्जा निगम ने बिजली की आपूर्ति, पारेषण और उत्पादन की लागत के आधार पर राजस्व अंतर दिखाते हुए टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था. 13.50% वितरण हानि को ध्यान में रखते हुए, ऊर्जा निगम ने 12512.38 करोड़ रुपये की वार्षिक आय का लक्ष्य रखा था. यह अंतर पूरा करने के लिए 12.01% की वृद्धि मांगी गई थी, लेकिन आयोग ने उपभोक्ताओं के हित में इसे घटाकर 5.62% कर दिया.
उपभोक्ताओं पर असर
नई दरें ऐसे समय लागू की गई हैं जब महंगाई पहले से ही आम-जन की जेब पर भार डाल रही है. इससे घरेलू बजट प्रभावित होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग और सौर ऊर्जा जैसे विकल्पों की ओरजाना अब जरूरी हो गया है ताकि बिजली बिल पर नियंत्रण रखा जा सके।