Car Insurance: चोरी की घटनाएं आजकल आम हो गई हैं, खासकर वाहनों की चोरी, जो कि वाहन मालिकों के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है. इस समस्या का सामना करने के लिए, वाहन इंश्योरेंस उद्योग ने ‘रिटर्न टू इनवॉयस’ पॉलिसी की पेशकश की है जो कि वाहन चोरी होने पर पूरी ऑन रोड कीमत की भरपाई करती है.
कार खरीद पर लागत और बीमा का महत्व
जब भी आप एक नई कार खरीदते हैं, तो उसकी ऑन रोड कीमत में विभिन्न तरह के खर्च जुड़े होते हैं जैसे कि रजिस्ट्रेशन शुल्क, टैक्स, और बीमा लागत. ये सभी मिलकर वाहन की कुल कीमत को बढ़ा देते हैं. अगर वाहन चोरी हो जाता है, तो आमतौर पर बीमा कंपनियां केवल IDV (Insured Declared Value) का भुगतान करती हैं, जो कि ऑन रोड कीमत से कम होती है.
रिटर्न टू इनवॉइस पॉलिसी की उपयोगिता
‘रिटर्न टू इनवॉइस’ पॉलिसी एक विशेष बीमा कवर है जो वाहन चोरी हो जाने पर या वाहन में अपूरणीय क्षति हो जाने पर पूरी ऑन रोड कीमत प्रदान करती है. इस पॉलिसी को खरीदने से वाहन मालिक को वित्तीय नुकसान से बचाव होता है और नई कार की पूरी लागत की भरपाई हो सकती है.
पॉलिसी के चयन में सावधानियाँ
वाहन बीमा खरीदते समय, यह जानना महत्वपूर्ण है कि विभिन्न बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार के कवर प्रदान करती हैं. आपको ऐसी पॉलिसी चुननी चाहिए जो आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं को संतुष्ट करे. विशेष रूप से, ‘रिटर्न टू इनवॉइस’ पॉलिसी खरीदने से पहले उसके नियम और शर्तों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए.
बीमा की उम्र और कवरेज की अवधि
‘रिटर्न टू इनवॉइस’ पॉलिसी को आमतौर पर कार खरीदने के तीन साल के अंदर ही खरीदा जा सकता है. कुछ बीमा कंपनियां इस पॉलिसी को तीन से पांच साल तक के लिए वैध बनाती हैं, जो वाहन मालिक को लंबे समय तक सुरक्षा मिलती है.