New Greenfield Expressway: ग्वालियर और आगरा के बीच 88.400 किलोमीटर लंबे सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण आर्थिक विकास के नए युग का संकेत है। इस परियोजना की लागत 4263 करोड़ रुपये है, जो दो महत्वपूर्ण शहरों के बीच संपर्क सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अनुसार यह परियोजना न केवल यातायात को सरल बनाएगी बल्कि स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।
टेंडर प्रक्रिया और निर्माण कार्य की शुरुआत
टेंडर प्रक्रिया जो कि डेढ़ साल पहले शुरू की गई थी। टेंडर प्रक्रिया ने अंततः इस साल अपना समापन पाया है। अक्टूबर 2025 से परियोजना का निर्माण शुरू होगा और इसे 30 महीने में पूरा करने की योजना है। इस एक्सप्रेसवे में 8 बड़े पुल और 23 छोटे पुलों के साथ 6 फ्लाइओवर और एक रेल ओवरब्रिज का निर्माण शामिल है।
बार-बार टेंडर तिथि में विलंब और इसके कारण
निर्माण कार्य शुरू होने से पहले, टेंडर प्रक्रिया में लगभग 20 बार देरी हुई। तकनीकी खामियां और भू-अर्जन से जुड़े मुद्दे मुख्य कारण थे। 25 फरवरी 2025 को अंतिम रूप से टेंडर खोले गए और तकनीकी मूल्यांकन शुरू किया गया। जिसमें देश की दस बड़ी कंपनियों ने हिस्सा लिया।
परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और आर्थिक चुनौतियां
इस एक्सप्रेसवे के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण किया गया है। भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन भुगतान की प्रक्रिया अभी बाकी है, जो आगे चलकर एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
टेंडर प्रक्रिया में शामिल कंपनियां और आगे की योजना
टेंडर में भाग लेने वाली कंपनियों में दिलीप बिल्डकॉन, अप्सरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स, अडानी इंटरप्राइजेज और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। चुनी गई कंपनी को अगले छह महीने में संसाधन एकत्रित करने होंगे। जिसके बाद अक्टूबर से निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।