Ration Scheme: हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को बड़ी राहत देते हुए फरवरी में तीन महीने का सरसों तेल कोटा एक साथ देने का फैसला किया है. खाद्य आपूर्ति निगम ने इस संबंध में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और कंपनियों को सप्लाई ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. क्योंकि बीते तीन महीनों से डिपो में तेल की आपूर्ति नहीं हो पाई थी.
राशनकार्ड उपभोक्ताओं के लिए तेल के दाम तय
सरकार ने राशनकार्ड उपभोक्ताओं के लिए सरसों तेल के दाम तय कर दिए हैं. एपीएल (APL) और गरीब परिवारों के लिए तेल 146 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. जबकि आयकरदाता उपभोक्ताओं को 153 रुपये प्रति लीटर की दर से दिया जाएगा. यह तेल बाजार मूल्य से लगभग 30-35 रुपये सस्ता होगा, जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत मिलेगी.
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप होगी तेल की आपूर्ति
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट सत्र के दौरान यह घोषणा की थी कि उपभोक्ताओं को जरूरत के मुताबिक तेल दिया जाएगा. इसी घोषणा के अनुरूप सरकार अब राशनकार्ड धारकों को उनकी मांग के आधार पर सरसों तेल उपलब्ध कराएगी. इसके लिए उपभोक्ताओं को शादी या अन्य विशेष समारोह के लिए अतिरिक्त तेल की जरूरत होने पर कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा.
डिपो होल्डर पहले से लेगा उपभोक्ताओं की डिमांड
सरसों तेल की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए डिपो होल्डर पहले से ही उपभोक्ताओं से उनकी जरूरत की जानकारी लेगा. इसके आधार पर उन्हें आवश्यक मात्रा में तेल उपलब्ध कराया जाएगा. इस फैसले से उन लोगों को फायदा होगा. जिन्हें पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए अतिरिक्त तेल की आवश्यकता होती है.
तीन महीने से नहीं मिला था तेल, अब फरवरी से मिलेगी राहत
पिछले तीन महीनों से हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड धारकों को तेल नहीं मिल रहा था. टेंडर प्रक्रिया चार बार रद्द होने के बाद अब जाकर पांचवीं बार में यह टेंडर फाइनल हुआ है. सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए फरवरी के पहले सप्ताह से सरसों तेल की आपूर्ति शुरू करने का निर्णय लिया है.
हिमाचल प्रदेश में 19.5 लाख राशनकार्ड परिवारों को मिलेगा लाभ
हिमाचल प्रदेश में कुल 19.5 लाख परिवार राशनकार्ड के तहत आते हैं. जिन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी पर राशन दिया जाता है. इन उपभोक्ताओं को गेहूं, चावल, दालें, नमक, चीनी और तेल जैसी जरूरी वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाती हैं. केंद्र सरकार गेहूं और चावल उपलब्ध कराती है, जबकि राज्य सरकार गेहूं की पिसाई कर आटा बनाकर उपभोक्ताओं को देती है.
अब जल्द होगा रिफाइंड तेल का टेंडर भी
सरसों तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बाद अब खाद्य आपूर्ति निगम रिफाइंड तेल के लिए भी टेंडर करने जा रहा है. जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जिससे राशनकार्ड धारकों को रिफाइंड तेल भी उपलब्ध कराया जा सकेगा. इससे उपभोक्ताओं को तेल की कोई कमी नहीं होगी और वे बाजार की महंगाई से राहत पा सकेंगे.
सरकार की ओर से सब्सिडी पर उपलब्ध अन्य वस्तुएं
सरकार उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर कई आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवा रही है. इनमें तीन प्रकार की दालें (मलका, माश और चना दाल), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और नमक शामिल हैं. यह सब्सिडी योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत देने के लिए चलाई जा रही है.
तेल की आपूर्ति को लेकर खाद्य आपूर्ति निगम का बयान
खाद्य आपूर्ति निगम के निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि उपभोक्ताओं को तीन महीने का सरसों तेल फरवरी में एक साथ मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का विशेष ध्यान रख रही है कि राशनकार्ड धारकों को समय पर सभी आवश्यक वस्तुएं मिलें और कोई समस्या न हो.
नए फैसले से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
सरकार के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के लाखों राशनकार्ड धारकों को बड़ी राहत मिलेगी. लंबे समय से डिपो में तेल की कमी के कारण लोगों को मुश्किलें हो रही थीं. लेकिन अब तीन महीने का तेल एक साथ मिलने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. साथ ही, रिफाइंड तेल के टेंडर प्रक्रिया शुरू होने से भविष्य में कोई कमी नहीं रहेगी.